THE SMART TRICK OF पारद शिवलिंग की पहचान THAT NO ONE IS DISCUSSING

The smart Trick of पारद शिवलिंग की पहचान That No One is Discussing

The smart Trick of पारद शिवलिंग की पहचान That No One is Discussing

Blog Article

You are using a browser that may not supported by Fb, so we've redirected you to a simpler Model to provide you with the most effective encounter.

सावन के महीने में विधि विधान से पारद और स्फटिक शिवलिंग की पूजा करना कल्याणकारी होता है। पारद शिवलिंग की पूजा के दिन ब्रह्ममुहुर्त में उठकर स्नान आदि कार्य खत्म कर लेने चाहिए। इसके बाद मंदिर की सफाई करनी चाहिए। मंदिर में सफेद कपड़े का आसन बिछाकर पारद शिवलिंग की स्थापना इस प्रकार करें कि पारद शिवलिंग की पूजा करते समय जातक का मुंह उत्तर- पूर्व दिशा की तरफ रहे। पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ घी का दिया जलाएं और ॐ मृत्युभजाय नमः, नीलकंठाय नमः, ॐ रुद्राय नमः और ॐ शिवाय नमः मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप करने के बाद हाथों में कुछ चावल और फूल लेकर पारद शिवलिंग पर अर्पित जरूर करें। ऐसा करने का अर्थ होता हुआ की हमारी पूजा संपन्न हो गई है।

पुराणात अशी मान्यता आहे की जाते की जिथे पारद शिवलिंगाची पूजा केली जाते, तिथे भगवान शिव वास करतात. यामुळेच पारद शिवलिंगाची पूजा करणाऱ्या भक्तावर लवकरच शिवाची कृपा होते.

हिंदू धर्मात भगवान शिवाची उपासना अतिशय महत्तवाची मानली जाते. सर्व प्रकारच्या शिवलिंगांच्या पूजेमध्ये पारद शिवलिंगाचे खूप महत्त्व आहे.

कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर युवती से रेप

देवघरात ठेवण्यात येणाऱ्या शिवलिंगाचा आकार आपल्या अंगठ्यापेक्षा अधिक असू नये.

यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा ना करवाएं। लेकिन इसकी पूजा और अभिषेक जरूर करना चाहिए।

पारद शिवलिंग बहुत ही पुण्य फलदायी और सौभाग्यदायक होते हैं।

शक्ति का महत्त्व और उसकी आराधना कैसे की जाती हे

रतिसुन्दरी योगिनी साधना : योगिनी की सिद्धि कैसे प्राप्त करे?

Apart from curing many health conditions it wards of superior blood pressure, asthma, heart Diseases, and a single significant aspect is, it develops intellect electrical power to attain solid will which can be very good for advancement of both Bodily health and fitness and head.

पारद श्री यंत्र की स्थापना से पूर्व श्री यंत्र मन्त्र “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:” और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ महालक्ष्म्यै नम:” का here जाप करें।

पारदेश्वर मंदीर परभणी शहरात स्थित असून परभणी पासून सर्वात जवळचे विमानतळ नांदेड येथे आहे.

जुलाई में मंगल करेंगे युवा अवस्‍था में प्रवेश, इन लोगों का चमक जाएगा भाग्‍य, पद-प्रतिष्‍ठा में होगी वृद्धि

Report this page